उज्जायी प्राणायाम के फायदे और इसे कैसे करें Ujjayi Pranayama In Hindi
उज्जायी प्राणायाम कैसे करेंI How to do Ujjayi Pranayama in Hindi
Contents
1. किसी भी आसन में आराम से बैठ जाएं और रीड की हड्डी सीधी रखे ।
2. दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा में रखे।
3. अब ठोड़ी (chin) को गले के समीप ला कर सटाये और गर्दन को झुका ले (इसे जालंधर बंध कहते हैं)।
4. अब श्वास ले और गले में श्वास द्वारा घर्षण (आवाज) करते हुए कुछ देर रुके ।
5. उसके बाद जालंधर बंध हटाए गर्दन को सीधा करें ।
6. दाहिने नाक को बंद करके, बाएं नाक से सांस को बाहर छोड़े ।
7. शुरू में यह प्रक्रिया 5 से 7 बार करे, बाद में बढ़ा सकते है ।
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उज्जाई प्राणायाम के फायदे । Ujjayi pranayama benefits in Hindi
1 .यह अनिंद्रा को दूर करता है ।
2. यह शरीर के सप्त धातुओं को जैसे रस, रक्त, मांस,अस्थि मजा, वीर्य इत्यादि के दोषों का निवारण करता है ।
3. जुकाम, बुखार और लीवर संबंधित बीमारियों से छुटकारा मिलता है ।
4. उज्जाई प्राणायाम धातु संबंधित रोगों पर बड़ा ही अच्छा प्रभाव डालता है ।
5. उज्जाई प्राणायाम विशुधि चक्र को प्रभावित करता है।
6. थायराइड के चलते जिनके शरीर में मोटापा बढ़ जाता है उस मोटापा को कम करने में सहायक है ।
7. जिनका टॉन्सिल बार-बार बढ़ जाता है उनके लिए भी टॉन्सिल संबंधित बीमारी को यह जड़ से ठीक कर देता है ।
8. मानसिक स्तर पर बहुत ही अच्छा प्रभाव डालता है ।
9. दमा और टीवी के रोग में भी बड़ा ही लाभकारी परिणाम है ।
10. जो थायराइड रोग से पीड़ित हैं उन्हें इसका अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए ।
उज्जाई प्राणायाम के आर्थिक और भौतिक लाभ –
1. इस प्रणायाम को करने से विशुद्ध चक्र उर्जावान होने लगता है और इस चक्र के जागृत होने से यश, प्रतिभा एवं प्रतिष्ठा में वृद्धि होने लगता है ।
2. यदि आप कला, विद्वत्ता, अभिनय, वक्ता आदि में कुशल हैं तो इस प्रणायाम के करने से आपको इस सब सारी चीजों में उच्चस्तरीय सफलता मिलना शुरू हो जाती है ।
3. उज्जाई प्राणायाम भौतिक स्तर पर रचनात्मक कार्यों में अभिरुचि बढ़ा देता है और प्रतिभा में वृद्धि होती है ।
4. अगर आपकी रूचि एक अच्छे संगीतकार बनने की है तो आप उज्जाई प्राणायाम के नियमित अभ्यास करने से आपका गला बहुत ही शुभ मधुर हो जाता है, आपका आवाज इतनी सुरीली हो जाती है कि आप एक बहुत ही अच्छे गायक बन सकते हैं ।
5. उज्जाई प्राणायाम के अभ्यास से आपके अंदर एक नई चेतना का संचार होने लगता है जिससे आपको किसी भी काम में मन लगना शुरू हो जाता है ।
उज्जायी प्राणायाम करते समय सावधानियां
उज्जाई प्राणायाम में निम्न बातों को ध्यान रखना चाहिए
1. वायु लेते छोड़ते समय गले में खराटे की आवाज ना हो ।
2. थकावट होने पर स्वास्थ्य सामान्य होने पर ही यह प्राणायाम करें ।
3. जिनको गले में इंफेक्शन है या कोई जटिल समस्या है तो आप इसे प्राणायाम को ना करें ।
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उज्जाई प्राणायाम का विशेष लाभ
1. अगर आपको बार-बार फीवर हो रहा है या आपको टाइफाइड है या मलेरिया हैं या बार-बार आपको इस तरह का जुकाम हो रहा है तो आप नियमित रूप से उज्जाई प्राणायाम का अभ्यास करके इस रोग से छुटकारा पा सकते हैं ।
2. जिनको टाइफाइड है या हमेशा टाइफाइड रहता है सबसे पहले थोड़ा दवा लेकर उस को कंट्रोल कर लें
3. उसके बाद उज्जाई प्राणायाम का नियमित अभ्यास करें जिससे आपका टाइफाइड जो आंतरिक ज्वर के नाम से जाना जाता है वह हमेशा के लिए ठीक हो जाएगा ।